सिजु गुफा, मेघालय

साउथ गारो हिल जिला, मेघालय  08 मार्च, 2018 सिजु गुफा जिसे स्थानीय लोग 'डोबाखोल ' के नाम से जानते हैं, राष्ट्रीय राजमार्ग 217 से 5 कि॰मी॰ दूर, अपर सिजु और लोअर सिजु गाँव  के बीच, सोमेश्वरी नदी के तट पर स्थित है। डोबाखोल का गारो भाषा में अर्थ है- चमगादड़ों की गुफा। मुख्य मार्ग (एन॰एच॰ 217)… Continue reading सिजु गुफा, मेघालय

सिजु पक्षी अभ्यारण्य – मेघालय

साउथ गारो हिल जिला, मेघालय8 मार्च, 2018  सुबह की आहट पाकर पक्षियों की चहचहाहट शुरू हो गई थी, इसी से मेरी नींद टूट गई। मैं गेस्ट हाउस के कमरे से बाहर निकल कर बेंच पर बैठ गया। मेरे एक तरफ जंगल है और दूसरी तरफ सोमेश्वरी नदी बह रही है। आधुनिक शोर-शराबे से दूर प्रकृति… Continue reading सिजु पक्षी अभ्यारण्य – मेघालय

चाँद बावड़ी- एक स्वर्णिम अतीत जिस पर इतिहास लगभग मौन हैं

प्राचीन भारत के इतिहास के प्रतीकों के प्रति मेरा खास लगाव रहा है। एक ऐसा ही प्रतीक राजस्थान के जिले दौसा में स्थित आभानेरी गांव की विश्व की विशालतम स्टेपवैल चाँद बावड़ी है (Step-Well: राजस्थानी भाषा में जिसे बावड़ी कहते हैं)। आज हम चाँद बावड़ी का यात्रा करते हैं। अनेक सवालों के साथ, जयपुर से… Continue reading चाँद बावड़ी- एक स्वर्णिम अतीत जिस पर इतिहास लगभग मौन हैं

चंदलाई झील – एक नगरीय उम्मीद

जयपुर अर्बन- रूरल फ्रिंज पर खूबसूरत झील चन्दलाई हैं. शिवदासपुरा के निकट टोंक रोड से उतरकर दाएँ तरफ 1-2 किमी चलते ही झील नजर आने लगती हैं। झील के समीप पहुँचते ही तापमान में गिरावट सर्दी के एहसास को बड़ा देता हैं। सर्दियों की धुन्ध में झील के लेक आइलैंड से आगे क्षितिज खो जाता… Continue reading चंदलाई झील – एक नगरीय उम्मीद